कृषि में हरे सोने के नाम से जाना जाता है शैवाल, जिसकी मांग आज दवाई से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में काफी ज्यादा है। एक वक्त था जब आम लोग ही नहीं किसान भी इस सुपरफूड और इसके गुणों से अंजान थे, लेकिन हिम्मत करके एक महिला किसान ने 10 साल पहले इसे उगाना शुरू किया और आज इसे देश के 1200 से ज्यादा किसानों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
शैवाल की खेती करके एक महिला किसान ने खड़ा कर दिया लाखों का करोबार। हम बात कर रहे हैं, महिला किसान सुप्रिया गायकवाड़ की जिन्होंने 2013 में शैवाल की खेती शुरू की थी। जब उन्होंने शुरुआत की तब शायद देश में कोई महिला किसान नहीं थी जो शैवाल की खेती कर रही थी।
एक किसान परिवार से आने वाली सुप्रिया पारम्परिक खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहती थीं। एग्रीकल्चर की पढ़ाई के दौरान उन्हें Spirulina शैवाल के फायदों के बारे में पता चला लेकिन अपने देश में इसकी खेती को सफल बनाना काफी मुश्किल था।
क्योंकि उस समय इसके प्रति कोई जागरूकता बहुत कम थी, इसकी खेती की जानकारी भी लोगों के पास बहुत कम थी।
लेकिन सुप्रिया ने एकदम छोटे स्तर में शुरू किया और धीरे-धीरे इसे बड़ा किया। छोटे स्तर पर जब शुरू किया तो उसमें जो दिक्कत आयी, उन्होंने उसका हल निकालते-निकालते एक एडवांस तकनीक तैयार कर ली। जैसे की टैंक कैसे होना चाहिए, उसका मीडिया कैसा होना चाहिए, कौन से सीजन में अच्छी शैवाल बनती है? करीब 5 साल की मेहनत के बाद उन्होंने न सिर्फ इस खेती को सफल बनाया। बल्कि 1200 से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग देकर शैवाल के प्रति लोगों में जागरूकता भी फैला रही हैं।
आज सुप्रिया एक एकड़ जमीन में करीब तीन लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में महीने के 600 किलो शैवाल बनाती हैं। जिसे वह पाउडर और Health Supplement के रूप में बेच रही हैं। नई तकनीक और फसलों से जुड़करकिसान कैसे अपनी आय बढ़ा सकता है सुप्रिया इसका जीता जागता उदाहरण है।
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