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oi-Rahul Goyal
Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तानवपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस हमले के बाद मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है, जिससे पाकिस्तान में डर का माहौल बना हुआ है।
इस बीच चीन ने पाकिस्तान की उस मांग का समर्थन किया है जिसमें उसने हमले की निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय जांच की बात कही थी। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से फोन पर बातचीत की।

इस दौरान चीन ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। बातचीत में वांग यी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी देशों की साझा ज़िम्मेदारी है और चीन पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने बातचीत के दौरान दोहराया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और तनाव बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई का समर्थन नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान चीन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ संवाद बनाए रखेगा।
पाकिस्तान की मांग क्या थी?
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने मांग की थी कि इस घटना की जांच में रूस और चीन जैसे देशों को भी शामिल किया जाए। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कहा कि अंतरराष्ट्रीय जांच टीम यह स्पष्ट करे कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे सही हैं या नहीं।
भारत की प्रतिक्रिया और जांच की स्थिति
भारत ने इस हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और केंद्र सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, भारतीय नौसेना ने अपनी सामरिक क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने यह अपील की है कि जांच के नाम पर निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए और उनके घर न गिराए जाएं। अब तक भारत में रह रहे 272 पाकिस्तानी नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं और बाकी को भी जल्द भारत छोड़ने को कहा गया है।