कथावाचक सज्जन के फोटो किसके साथ- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की यह प्रवृत्ति होती है कि इस प्रकार की दुखद और दर्दनाक घटनाओं में भी वो राजनीति ढूढ़ते हैं। ऐसे लोगों की फितरत है चोरी भी और सीनाजोरी भी। सीएम योगी ने अखिलेश यादव का बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि कथावाचक सज्जन के फोटो किसके साथ है। उनके राजनीतिक संबंध किसके साथ जुड़े हुए हैं। आपने देखा होगा कि पिछले दिनों रैलियों के दौरान इस तरह की भगदड़ कहां मचती थी और कौन उसके पीछे थे। मुझे लगता है कि इन सबकी तह में जाना आवश्यक है। जो लोग निर्दोष लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं उनकी जवाबदेही भी तय होगी।
सरकार की पूरी लापरवाही- अखिलेश यादव
दरअसल अखिलेश ने कहा कि जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। उन्होंने कहा कि जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। जो जानकारी सरकार के पास थी उसके हिसाब से भी सरकार ने इंतजाम नहीं किया। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है।
ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज- अखिलेश
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बहुत से लोगों की जान बच सकती थी, लेकिन ना ही समय पर गाड़ियों का इंतजाम करा पाए, ना एम्बुलेंस का इंतजाम करा पाए। कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसलिए इसकी अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी सरकार जिम्मेदार है। सपा सांसद ने कहा कि इसकी ज़िम्मेदार बीजेपी है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं। ये सब इनकी बाते झूठी है।
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि हाथरस सत्संग में अगर अनुमति 50 हजार लोगों के पहुंचने की थी लेकिन अगर ज्यादा लोग आये तो प्रशासन क्या कर रहा था? रोका क्यों नहीं? अगर ज्यादा संख्या में लोग आ रहे थे प्रशासन ने फोर्स क्यों नहीं बढ़ायी? बैरिकेडिंग क्यों नहीं बढ़ायी? बैरिकेडिंग क्यों नहीं की। सरकार की जिम्मेदारी थी। सरकार की वजह से ऑक्सीजन नहीं मिला, दवाएं नहीं मिली। इलाज नहीं मिला। सरकार की वजह से लोगों की जाने गयी। सरकार अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर न डालें।