इस अधिग्रहण से पतंजलि फूड्स को आप लीडिंग FMCG कंपनी बनना चाहते हैं। आप ग्लोबल कंपनियों से कैसे मुकाबला करेंगे?
लोगों और निवेशकों का प्यार बेजोड है। पतंजलि फूड्स की 1100 करोड़ की डील से पहले भी हम न्यूट्रिला जैसे लोकप्रिय बैंड की 1000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन को महज 62 करोड़ में दे चुके हैं। आज कोई भी लिस्टेड कंपनी को बिजनेस देता है तो 40 से लेकर 70 तक के मल्टिपल में सोचता है, लेकिन हमने दंत कांति, केश कांति जैसे अन्य 5 से 50,000 करोड़ की ब्रेड वैल्यू वाले बिजनस को इतने सस्ते में दिया, जिससे निवेशकों को लाभ मिले और वे हमारे सहभागी बने। अब हमारा फोकस स्किन केयर पर होगा। एंटी एजिंग, एंटी स्किल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मार्केट शेयर को बढ़ाना है। हम
प्रीमियम कैटिगरी में आएंगे। मल्टिपल सिनर्जी से पतंजलि फूड्स को लीडिंग FIMCG कंपनी बनाना है और हमारी सीधी टक्कर यूनिलिवर से है। जहाँ तक प्रोडक्ट इनोवेशन की बात है तो हमारी पतंजलि जैसी रिसर्च और प्रोडक्ट इनोवेशन फैसिलिटी किसी कंपनी के पास नहीं है। हम प्रदर्शन नहीं दर्शन में भरोसा रखते हैं और लोगों का प्यार हमारी असेट है।
इस डील से पतंजलि फूड्स की रीच कितनी बढ़ने का अनुमान है?
हमारी 50 लाख रिटेल आउटलेट पर डायरेक्टली और इनडायरेक्टली पहुंच है। इस अधिग्रहण के बाद बैंड इक्विटी, सिनाजी और रीच बढ़ेगी। ऑनलाइन से लेकर डीसी में सभी जगह उपलब्ध पतंजलि फूड्स का 3 साल में दो टारगेट है। FMCG का हिस्सा बढ़ाकर 50 पर्सेट करना है। 5 साल में इंडिया की ग्रोथ स्टोरी में कंपनी के मोमेंटम को कायम रखते हुए एक लाख करोड़ की कंपनी बनाने का लक्ष्य है।
क्या पतंजलि फूड्स ऑलिव ‘ऑयल भी लेकर आएगी?
नेचरल ऑयल सबसे अच्छे होते हैं। हो, पॉम पैकेज्ड फूड और इंडस्ट्री मे लंबे समय तक चलने के कारण इस्तेमाल होता है। विदेशों पर हमारी निर्भरता और जरूरत को देखते हुए हम यह कर रहे हैं। जहां तक ऑलिव ऑयल की बात है तो वह जैतून का तेल है, जिसे हमारे देश में वर्षों से मालिश के लिए इस्तेमाल करते हैं। अब इसकी ऐसी मार्केटिंग कर दी गई है कि हम सलाद पर छिड़कने की वाजाय इससे खाना बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे अच्छा ऑप्शन है गाय का घी और नेचरल ऑयल खाएं। ऑलिव ऑयल भारत का विकल्प नहीं है।
भामक विज्ञापन जैसे विवाद और ड्रग मैजिक रैमिडी ऐक्ट जैसी चुनौतियों के बीच आपके बैंड पर असर कितना होता है?
हम भ्रामक विज्ञापन नहीं करते हैं। जहां तक ऐक्ट की बात है तो यह एक बहुत बड़ा चैलेंज है, जो अंग्रेजों के समय से आयुर्वेद से घृणा के चलते लागू हुआ था। हम इसे लेकर कोर्ट में जाएंगे। पतंजलि के बारे में अफवाह तंत्र बहुत बड़ा है। किसी अन्य कंपनी के खिलाफ ऐसी प्लाटेड अफवाहें किसी ने कभी नहीं देखी है, लेकिन हमें अपना समय और उर्जा इस पर खर्च करनी होती है।
बजट आने को है, आपकी किस तरह की उम्मीदें हैं?FMCG इंडस्ट्री में जीएसटी का रेशनाइलेशन करके राहत दी जा सकती है। कमोडिटी इनफ्लेशन के बावजूद हम इस प्राइस पॉइंट पर देश की सेवा कर रहे हैं।