इन 5 चीजों में मिल सकती है राहत
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन में छूट
अभी नई और पुरानी, दोनों तरह की टैक्स व्यवस्थाओं में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। यह वह छूट है जो टैक्सपेयर्स को बिना कहीं कुछ निवेश किए मिलती है। इसे साल 2019 के बजट में 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया था। माना जा रहा है कि इस बार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाकर 60 हजार से एक लाख रुपये तक की जा सकती है।2. धारा 80C की लिमिट बढ़ाना
इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्सपेयर अपनी कमाई पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती कर सकते हैं। इसके लिए PPF, NPS, SSY, 5 साल की FD आदि स्कीम में निवेश करना पड़ता है। साल 2014 से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं इतने समय में लोगों की सैलरी बढ़ गई है। ऐसे में इनकम टैक्स में कटौती करने के लिए 1.50 लाख रुपये की लिमिट कम पड़ रही है। इस लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है।
3. टैक्स स्लैब में बदलाव
इनकम टैक्स की नई और पुरानी, दोनों के स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। अभी पुरानी व्यवस्था में 2.50 लाख रुपये तक की और नई टैक्स व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक की बेसिक छूट दी गई है। यानी इतनी कमाई टैक्स फ्री है। माना जा रहा है कि नई और पुरानी दोनों व्यवस्था में बेसिक छूट लिमिट बढ़कर 5 लाख रुपये हो सकती है। साथ ही नई टैक्स व्यवस्था में 20 और 30 फीसदी के स्लैब के बीच में 25 फीसदी का नया स्लैब जोड़ा जा सकता है।
4. बढ़ सकती है इलाज में छूट की लिमिट
बजट में इलाज में छूट की लिमिट बढ़ सकती है। इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत अभी तक यह लिमिट टैक्सपेयर के लिए 25 हजार रुपये और सीनियर सिटीजन के लिए 50 हजार रुपये है। अगर टैक्सपेयर अपने सीनियर सिटीजन माता या पिता का इलाज कराता है तो भी वह 50 हजार रुपये तक की छूट का दावा कर सकता है। माना जा रहा है कि इसे बढ़ाकर टैक्सपेयर के लिए 50 हजार रुपये और सीनियर सिटीजंस के लिए एक लाख रुपये किया जा सकता है।
5. NPS में बढ़ सकती है लिमिट
सैलरीड एम्प्लॉई पेंशन के लिए National Pension System (NPS) में निवेश करते हैं। मैच्योरिटी पर एक हिस्सा रिटायरमेंट पर पेंशन के रूप में मिलता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर इसमें 80C के तहत 1.50 लाख रुपये और 80CCD (1B) के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी कुल 2 लाख रुपये की छूट का फायदा ले सकते हैं। माना जा रहा है कि 80CCD (1B) के तहत छूट की लिमिट बढ़ाई जा सकती है। इसे एक लाख रुपये तक किया जा सकता है। इससे सैलरीड एम्प्लॉई ज्यादा टैक्स बचा पाएगा।