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-Oneindia Staff
विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की नोएडा इकाई ने रविवार को पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, नीट-यूजी उम्मीदवारों से कथित रूप से पैसे वसूलने वाले एक गिरोह को भंग कर दिया है। इस मामले में तीन व्यक्तियों, विक्रम कुमार साहू, धर्मपाल सिंह और अनिकेत, जो सभी दिल्ली के निवासी हैं, को गिरफ्तार किया गया।

एसटीएफ, नोएडा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), राज कुमार मिश्रा ने बताया कि गिरोह नीट-यूजी परीक्षा में सहायता देने का वादा करके छात्रों को धोखा देने में शामिल था। उन्होंने उम्मीदवारों के रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों से पैसे मांगे। गिरफ्तारियां शनिवार को हुईं।
आरोपी की पृष्ठभूमि
पूछताछ के दौरान, साहू ने 2011 में चेन्नई के विनायक मिशन विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी में प्रवेश लेने की बात स्वीकार की। विक्रम और अनिकेत दोनों ही विश्वविद्यालय में 30% कमीशन के बदले प्रवेश दिलाने में शामिल थे। स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, विक्रम दिल्ली चला गया और धर्मपाल सिंह से मिला।
कार्यप्रणाली
आरोपियों ने एडमिशन व्यू नामक कंपनी पंजीकृत की और एमबीबीएस उम्मीदवारों के डेटा का संग्रह किया। उन्होंने इन उम्मीदवारों से उनके लिए सीट सुरक्षित करने के बहाने संपर्क किया। गिरोह ने प्रति उम्मीदवार 5 लाख रुपये की मांग की और फिर पैसे लेकर फरार हो गया।
जारी धोखाधड़ी गतिविधियाँ
2023 में उनके खिलाफ दर्ज कई शिकायतों के बाद, उन्होंने एक नई कंपनी, श्रेयानवी एडु ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की, और अपनी धोखाधड़ी गतिविधियों को जारी रखा। जैसे ही नीट-यूजी परीक्षा करीब आई, उन्होंने फिर से उम्मीदवारों के डेटा को इकट्ठा किया और उम्मीदवारों को उनकी परीक्षा पास करने में मदद करने के बहाने पैसे मांगे।
पुलिस कार्रवाई और बरामदगी
उनकी धोखाधड़ी गतिविधियों की जानकारी मिलने पर, पुलिस ने शनिवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। एसटीएफ ने 10 मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, उम्मीदवारों की डेटा शीट, पैन कार्ड, चेक बुक, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट और एक कार सहित अन्य सामान बरामद किए।
With inputs from PTI