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Pakistani Ranger News: बीएसएफ ने राजस्थान में भारत-पाक सीमा के पास एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा है. यह घटना पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच हुई है. इस हमले में 26 लोग मारे गए …और पढ़ें

बीएसएफ ने भारत-पाक सीमा पर एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- बीएसएफ ने राजस्थान में सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा है.
- पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले बीएसएफ कॉन्स्टेबल को पकड़ लिया था.
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया है.
नई दिल्ली. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास से एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा है. यह घटना जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर बीएसएफ के एक जवान को पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा पकड़े जाने के लगभग दस दिन बाद सामने आई है. पहलगाम आतंकवादी हमले में एक विदेशी नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे.
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर को बीएसएफ की राजस्थान फ्रंटियर ने हिरासत में लिया है. बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स ने 23 अप्रैल को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ा था और भारतीय बल द्वारा कड़े विरोध के बावजूद उसने उसे सौंपने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों ने 3 मई को बताया कि बीएसएफ का जवान एक सप्ताह से अधिक समय से पाकिस्तान की हिरासत में है. सूत्रों के अनुसार, भारतीय और पाकिस्तानी बलों के बीच शॉ की सुरक्षित रिहाई के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, भारत के कश्मीर में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी पक्ष ने उसे रिहा करने से इनकार कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तानी पक्ष ने बार-बार भारत को वही जवाब दिया कि “हम उच्च अधिकारियों के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं”. यह सामान्य बात है कि सैनिक या नागरिक गलती से सीमा पार कर जाते हैं, और ऐसी स्थितियों को आमतौर पर स्थापित सैन्य प्रोटोकॉल के माध्यम से सुलझाया जाता है. आमतौर पर, संबंधित व्यक्तियों को सैन्य अधिकारियों के बीच औपचारिक चर्चाओं के बाद उनके संबंधित देशों में वापस भेज दिया जाता है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
कांस्टेबल की पत्नी, रजनी, 28 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के रिशरा से पठानकोट गईं ताकि अपने पति की कुशलता के बारे में जानकारी हासिल कर सके. बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि सेना उनके सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इस आश्वासन के बाद, वह अमृतसर से कोलकाता के लिए उड़ान भरकर वापस लौट गईं. बीएसएफ ने फिरोजपुर से अमृतसर तक उनकी यात्रा की व्यवस्था की थी.