बेटियों को लेकर गंदी टिप्पणी
दास वायरल वीडियो में आगे कहते हैं कि संविधान धर्म के ऊपर होना चाहिए। फिर वह आगे पूछते हैं कि यह बात सत्य है या फिर नहीं। दूसरे एक वीडियो में चंद्र गोविंद दास बेटियों के बारे में बेतुका बयान दिया है। दास ने कहा है कि वे लोग अपनी बेटियों से नौकरी करवाते हैं वे हरामखोर हैं। दास कहते हैं जो महिलाओं से नौकरी कराते हैं उनसे ज्यादा हरामखोर बाप इस दुनिया में कोई नहीं होगा। दास यहीं नहीं रुकते हैं वह कहते हैं कि जो अपनी बेटियों से नौकरी कराते हैं वे उन्हें व्यभिचार में धकेल रहे हैं। दास आगे और बेतुकी भाषा का इस्तेमाल करते कहते हैं दूसरे हरामखाेर वे हैं जो अपनी बेटियों की कमाने की आशा लेकर बैठे हैं।
विवाद बढ़ने पर दी ये सफाई
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर चंद्रगोविंद दास की सफाई भी सामने आई है। चंद्र गोविंद दास ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि हरे कृष्णा…! बेटियों और संविधान के संबंध में प्रवचन के जो वीडियो वायरल हुए हैं। उनके चलते थोड़ी गलतफहमी खड़ी हुई है। बेटियों को न्याय नहीं मिलता है इसलिए मैंने ऐसा कहा। संविधान के ऊपर टिप्पणी के उन्होंने कहा कि मैंने किसी का भी नाम लेकर टिप्पणी नहीं की है। फिर भी किसी को दु:ख पहुंचा हो या फिर भावनाएं आहत हुई हों तो मैं काफी मांगता हूं। यह भी दावा किया जा रहा है कि चंद्र गाेविंद दास के ये वीडियो पुराने हैं। हालांकि उन्होंने अपने सफाई वाले वीडियो में इसका जिक्र नहीं किया है।
गुजरात के बोटाद से ताल्लुक
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार चंद्र गोविंद दास इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के एक वैष्णव विद्वान और वक्ता हैं। वह सूरत के श्री श्री राधा दामोदर मंदिर में सेवा और उपदेश देते हैं। उन्हें श्रीमद् भागवतम पर व्याख्यान देने और कृष्ण चेतना को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शक, परम पावन राधा गोविंद गोस्वामी महाराज ने उन्हें श्रीमद् भागवत का संदेश फैलाने का निर्देश दिया। उनका जन्म 12 जनवरी 1989 को पीपल, बोटाद के एक वैष्णव परिवार में हुआ था।