कांग्रेस में कितनी बची है कांग्रेस?
सोशल मीडिया पर सवाल खड़ा हुआ कि क्या गुजरात कांग्रेस में कोई बचा है? 2002 के तक बाद अब तक 200 से ज्यादा बड़े नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है। इनमें कई नेता वर्तमान भूपेंद्र पटेल सरकार में कैबिनेट और राज्य मंत्री हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद चर्चा हो रही है कि उन्होंने इतना बड़ा बयान क्यों दिया? राजनीतिक विश्लेषक राहुल गांधी के इस बयान के उनके मिशन गुजरात की शुरुआत मान रहे हैं। उनका मानना है कि राजकोट में टीआरपी गेम जोन मुद्दे पर कांग्रेस के सफल बंद से राहुल गांधी गदगद हैं। इसीलिए उन्होंने उत्साह में इतना बड़ा बयान दिया है। ऐसे में जब गुजरात में अगले विधानसभा चुनावों में अभी काफी वक्त है तब राहुल गांधी एक बार मिशन गुजरात पर काम कर रहे होंगे, शायद इसीलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है। कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को एक नजर में देखें तो पार्टी के पास राज्य में 13 विधायक, 1 राज्यसभा और 1 लोकसभा सीट है। गुजरात के सभी बड़े शहरों के नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है। इतना ही नहीें सहकारी क्षेत्र में भी कांग्रेस का दबदबा ध्वस्त हो चुका है।
केंद्र से ज्यादा कठिन है गुजर की डगर
गुजरात में कांग्रेस ने अपनी सत्ता 13 मार्च, 1995 को खो दी थी। छबीलदास मेहता गुजरात में कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री थी। इसके बाद राज्य में बीजेपी का उदय हुआ था। आगे चलकर शंकर सिंह वाघेला अक्टूबर, 1996 से लेकर 27 अक्टूबर 1997 तक कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन वह राष्ट्रीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री थी। ऐसे में कांग्रेस राज्य में लंबे वक्त से बाहर है। एक पूरी पीढ़ी ने कांग्रेस का तो शासन ही नहीं देखा है। हिंदुत्व के मजबूत गढ़ और हिन्दुत्व के लेबोरेटरी के तौर पर जाने वाले गुजरात में कांग्रेस की राह आसान नहीं है। सौराष्ट्र हेडलाइन के संपादक जगदीश मेहता कहते हैं उन्होंने अगर सियासी बयान दिया तो ठीक है अगर कांग्रेस गुजरात में सत्ता पाने की सोच रही है तो उसके लिए जमीन आसमान एक करने जैसी स्थिति है। मेहता कहते हैं कि बीजेपी को लोकसभा चुनावों में 61.86 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस के खाते में 31.24 फीसदी वोट आए। इसमें आप के 2.69 फीसदी वोट को जोड़ दे तो भी कांग्रेस और बीजेपी में बड़ा गैप है। ऐसे में कांग्रेस के अभी गुजरात में जीत दूर ही नहीं बल्कि मीलों दूर है। मेहता कहते हैं कि कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजाेरी यह है उसके के पास संगठन ही नहीं है। जबकि उसका मुकाबला बेहद मजबूत संगठन रखने वाले दल से है।