Last Updated:
Pahalgam terror Attack Case in SC: पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 1 मई को सुनवाई करेगा. याचिका में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है.

पहलगाम के पीड़ितों के लिए न्याय की आस: सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट में पहलगाम हमले की सुनवाई 1 मई को होगी.
- याचिका में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है.
- हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.
Pahalgam terror Attack Case in SC: पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए एक ‘न्यायिक आयोग’ के गठन की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल 1 मई को सुनवाई कर सकता है. इस याचिका में हमले की गहराई से जांच कराने और क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश देने की मांग की गई है.
यह जनहित याचिका मोहम्मद जुनैद, फतेह कुमार साहू और विक्की कुमार नाम के तीन याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. इनमें से मोहम्मद जुनैद कश्मीर के रहने वाले हैं, जबकि उनके दो साथी फतेह कुमार साहू और विक्की कुमार अन्य राज्यों से हैं. तीनों ने मिलकर इस गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाई है.
क्या है याचिकाकर्ताओं की मांग?
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दे कि भविष्य में इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा में कोई चूक न हो. याचिकाकर्ताओं का मानना है कि इस जघन्य हमले की निष्पक्ष और गहन जांच आवश्यक है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कोटेश्वर सिंह की पीठ इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करेगी. इस मामले का सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होना पीड़ितों के परिवारों और आम जनता के लिए एक उम्मीद की किरण है कि उन्हें न्याय मिलेगा और सरकार पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी.
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए इस नरसंहार में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई. इस नरसंहार के बाद पूरे देश में शोक और गुस्सा का माहौल है. इस घटना के बाद से ही विभिन्न स्तरों पर इसकी निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है. अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है.