मुंबई: लोकसकभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों के लिए आगे बढ़ रहे महाराष्ट्र में अगले हफ्ते फिर से राजनीतिक जोरआजमाइश देखने को मिलेगी। विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। इसमें विधानसभा के मौजूदा सदस्य 11 सीटों पर जीत तय करेंगे। शिवसेना यूबीटी की तरफ से 12वें कैंडिडेट के तौर पर मिलिंद नार्वेकर को उतारे जाने से मामला हाईवोल्टेज हो गया है। ऐसे में 11 सीटों के चुनाव में क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ गई है। विधानसभा चुनावों की दहलीज पर खड़े विधायक अपनी निष्ठा बदल सकते हैं। ऐसे में महायुति और महाविकास आघाडी के घटक दलों के साथ छोटी पार्टियों की अहमियत बढ़ गई है।
महायुति VS महाविकास आघाडी
विधान परिषद के चुनावों में एक बार फिर से महायुति और महाविकास आघाडी के बीच जोरआजमाइश की संभावना है। 12 जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए बीजेपी ने पांच, शिव सेना और एनसीपी से दो-दो और एमवीए सहयोगियों, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी से एक-एक ने अपना नामांकन दाखिल किया है। एक कैंडिडेट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 23 वोट चाहिए होंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 181 की ताकत है जबकि विपक्ष के पास 64 की ताकत है। 29 विधायक हैं जो या तो स्वतंत्र हैं या छोटे दलों से हैं। दोनों पक्षों के पास अपने-अपने उम्मीदवारों को निर्वाचित कराने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं, इसलिए छोटे दलों और निर्दलियों की पूछ बढ़ गई है। महायुति में अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के सामने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधान परिषद के चुनावों में शक्ति प्रदर्शन होगा। इसमें कोई भी खेमा भारी पड़ सकता है।
महायुति VS महाविकास आघाडी
विधान परिषद के चुनावों में एक बार फिर से महायुति और महाविकास आघाडी के बीच जोरआजमाइश की संभावना है। 12 जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए बीजेपी ने पांच, शिव सेना और एनसीपी से दो-दो और एमवीए सहयोगियों, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी से एक-एक ने अपना नामांकन दाखिल किया है। एक कैंडिडेट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 23 वोट चाहिए होंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 181 की ताकत है जबकि विपक्ष के पास 64 की ताकत है। 29 विधायक हैं जो या तो स्वतंत्र हैं या छोटे दलों से हैं। दोनों पक्षों के पास अपने-अपने उम्मीदवारों को निर्वाचित कराने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं, इसलिए छोटे दलों और निर्दलियों की पूछ बढ़ गई है। महायुति में अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के सामने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधान परिषद के चुनावों में शक्ति प्रदर्शन होगा। इसमें कोई भी खेमा भारी पड़ सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा स्थिति?
विधानसभा की कुल सीटें: 288, मौजूदा सदस्य: 274, खाली सीटें: 14
क्र. सं. | पार्टी | विधायक |
1 | बीजेपी | 103 |
2 | शिवसेना (एकनाथ शिंदे) | 38 |
3 | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) | 40 |
4 | शिवसेना (उद्धव ठाकरे) | 15 |
5 | कांग्रेस | 37 |
6 | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) | 12 |
7 | बहुजन विकास आघाडी | 3 |
8 | एआईएमआईएम | 2 |
9 | समाजवादी पार्टी | 2 |
10 | प्रहार जनशक्ति पक्ष | 2 |
11 | स्वाभिमानी पक्ष | 1 |
12 | महाराष्ट्र नव निर्माण सेना | 1 |
13 | पीडब्ल्यूपी | 1 |
14 | राष्ट्रीय समाज पक्ष | 1 |
14 | सीपीआईएम | 1 |
16 | क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष | 1 |
17 | जनसुराज्य शक्ति | 1 |
क्याें खाली हैं 14 सीटें?
महाराष्ट्र विधानाभा में 14 सीटें खाली हैं। तीन सदस्यों ने दूसरी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने पर इस्तीफा दिया था। इसमें कांग्रेस के दो और एनसीपी के 1 सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस की तरफ अशोक चव्हाण और राजू पारवे ने इस्तीफा दिया था तो वहीं एनसीपी से नीलेश लंके ने त्यागपत्र दिया था। छह अन्य सदस्य विधायक से सांसद बन गए हैं। इसलिए उन्होंने त्यागपत्र दिए हैं। इसमें कांग्रेस के चार और शिवसेना के दो नेता शामिल हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के चार सदस्यों का निधन हुआ है। इनमें बीजेपी के दो और कांग्रेस-शिवसेना का एक-एक सदस्य शामिल है। कांग्रेस नेता सुनील केदार को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।