नई दिल्ली. वंदेभारत एक्सप्रेस लोगों की पसंदीदा ट्रेन बन चुकी है. कुछेक को छोड़कर ज्यादातर में आक्यूपेंसी रेट बेहतर है. लेकिन इनमें भी पांच ऐसी वंदेभारत हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मारामारी रहती है. आक्यूपेंसी रेट 200 फीसदी तक पहुंच जाता है. इनमें सफर करने के लिए यात्रियों को काफी पहले रिजर्वेशन कराना होता है. ये पांचों कौन सी वंदेभारत हैं और किन रूट पर चलती हैं? आइए जानें-
मौजूदा समय 52 वंदेभारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है. देश सभी राज्यों में (पूर्वत्तर के राज्यों को छोड़कर) वंदेभारत एक्सप्रेस दौड़ रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा आक्यूपेंसी वाली वंदेभारत मंगलुरू-तिरुवंतपुरम के बीच चलने वाली है. जिसका 203 फीसदी के करीब आक्यूपेंसी रेट है. 100 फीसदी से ज्यादा आक्यूपेंसी का मतलब बीच सफर में सीट खाली हुई और दूसरी सवारी बैठ गयी. वहीं, दूसरे नंबर पर तिरुवंतपुरत-कासरगोड वंदेभारत है. इसमें आक्यूपेंसी रेट 171 फीसदी है. यानी टॉप की दो वंदेभारत दक्षिण भारत में चलने वाली हैं.
इसके बाद तीसरे नंबर पर दिल्ली वाराणसी वंदेभारत है, इसका आक्यूपेंसी रेट 124 फीसदी है. ये ट्रेन सबसे खास है क्योंकि देश की पहली वंदेभारत यही है. इसी के बाद देश में सेमी हाईस्पीड ट्रेन दौड़ने का सिलसलिा शुरू हुआ है. वहीं चौथे नंबर पर दक्षिण में चलने वाली चेन्नई-तिरुनेलवेली वंदेभारत है, इसका आक्यूपेंसी रेट 123 फीसदी है. पांचवें नंबर पर 113 फीसदी आक्यूपेंसी रेट के साथ दिल्ली-कटरा वंदेभारत है.
सबसे तेज दौड़ने वाली वंदेभारत
सभी वंदेभारत एक्सप्रेस में सबसे तेज दौड़ने वाली वंदेभारत दिल्ली-भोपाल है, जो 160 किमी.प्रति घंटे की स्पीड से भागती है. इसकी स्पीड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हवाई जहाज के टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान होने वाली स्पीड से करीब आधी है. हवाई जहाज की टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान स्पीड 250 से 300 किमी. प्रति घंटे की होती है. हालांकि पूरा सफर 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से नहीं होता है. दिल्ली के तुगलकाबाद से लेकर आगरा तक ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी. प्रति घंटे रहती है.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 10:15 IST